
✍️ पदम रानाथारु ; कंचनपुर

(सम्पूर्ण मातृशक्ती के समर्पित )
तेरे कई नावँ मेरी मैया ,
कभी आई कभी ऐयो कभी ऐया ।।
जब मोके काँटो लागो पीरके मारे कहो ऐया ,
जब कोइ बात अच्छी लागी, तब हौसके मारे कहो ऐया ||
तेरे कई नाँव ………
जब मोके भुँख लागि , अपनो डुठो खबाब मोके ऐया
जब मोके प्यास लागि , अपनो दूध पिबव मोके ऐया ।।
तेरे कई नाँव ……
जब मय रोन लागे , जोकण बनके हसाँब मिर ऐया
जब मय बदमासी करो , बिलइया बनके डरपाव मिर ऐया ।। तेरे कई नाँव ……………
जब मोके जाडो लागे, अपन आँचरामे लुकाव मिर ऐया
जब मय नेगन बारो भव, उँगुरी पकडके निगाव मिर ऐया ।। तेरे कई नाँव ………
जब मय कुछ सिखन बारो भव ,हथौरी धरके सिखाव मिर ऐया
जब मय ज्वान भव, दुई टाँगसे चार टाँग बनाव मिर ऐया ।। तेरे कई नाँव ……………..
सारी उमर मेरे ताहीँ , अपनी खुसी लुटाव मिर ऐया ।
मय तोके दुई बुन्दा आँसु चढावत हवँ जहे स्वीकार कर मिर ऐया ।।
तेरे कई नाँव ………
